کد مطلب:239564
شنبه 1 فروردين 1394
آمار بازدید:136
الموقف 01
اننا نلاحظ أن الامام (ع) قد رفض دعوة المأمون، و هو فی المدینة
[ صفحه 315]
و لم یقبل الا بعد أن علم أنه لا یكف عنه .. بل ان بعض النصوص تشیر الی أنه قد حمل الی مرو بالرغم عنه، لا باختیاره ..
و ما ذلك الا لیعلم المأمون : أن حیلته لم تكن لتجوز علیه، و أنه (ع) علی علم تام بأبعاد مؤامرته و أهدافها .. كما أنه بذلك یثیر شكوك الناس و ظنونهم حول طبیعة هذا الحدث، و سلامة النوایا فیه .